बिलासपुर 24 मई 2025।बिलासपुर शहर में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि अब पत्रकारों तक को खुलेआम निशाना बनाया जा रहा है। शुक्रवार रात बिलासपुर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया, जब शहर के प्रतिष्ठित फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता और उनके पिता अशोक गुप्ता पर मोहल्ले के ही कुछ असामाजिक तत्वों ने जानलेवा हमला कर दिया।
फोटो जर्नलिस्ट शेखर गुप्ता, जो लंबे समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं, रोज़ की तरह शुक्रवार को रात 10:30 बजे अपने कार्यस्थल से लौटे थे। घर के पास पहुंचते ही उन्होंने देखा कि कुछ युवक उनके घर के ठीक बाहर गाड़ी खड़ी कर शराब पी रहे हैं। यह इलाका पूरी तरह से रिहायशी है, जहां कई परिवार निवास करते हैं।
जिम्मेदार नागरिक की तरह शेखर ने युवकों से शांति से अनुरोध किया कि वे सार्वजनिक स्थान पर शराब न पिएं और मोहल्ले की मर्यादा का सम्मान करें। लेकिन यह अनुरोध अपराधियों को नागवार गुज़रा और उन्होंने पहले बदसलूकी शुरू की, फिर गालियों की बौछार कर दी। हालात बिगड़ते देख शेखर घर के अंदर चले गए, परंतु यह घटनाक्रम यहीं नहीं रुका,मदहोश और बेखौफ हमलावर इतने दुस्साहसी थे कि वे शेखर के घर में जबरन घुस आए। इसके बाद शुरू हुआ हिंसा का वह नंगा नाच, जिसने पूरे मोहल्ले को दहला दिया। आरोप है कि दुर्गा प्रसाद नामक युवक ने कुल्हाड़ी से शेखर गुप्ता की गर्दन पर वार किया। शेखर की चीखें सुनकर उनके 65 वर्षीय पिता अशोक गुप्ता उन्हें बचाने दौड़े, लेकिन हमलावरों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा और बेरहमी से पीटा।
चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग एकत्र हुए और उन्होंने किसी तरह बीच-बचाव कर हालात को काबू में किया। गंभीर रूप से घायल शेखर और उनके पिता को तुरंत बिलासपुर के सिम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, शेखर की हालत नाज़ुक बनी हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह स्वयं सक्रिय हो गए और कोतवाली पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। थाना प्रभारी समेत पुलिस टीम ने त्वरित एक्शन लेते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। शेष फरार हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है
एसएसपी ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, "यह एक अत्यंत गंभीर मामला है। पुलिस आरोपियों पर सख्त धाराओं में मामला दर्ज कर चुकी है। समाज में भय का माहौल पैदा करने वाले तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।"
पत्रकारों में आक्रोश, नागरिकों में भय
घटना के बाद मीडिया जगत में जबरदस्त आक्रोश है। पत्रकार संगठनों ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताया है। वहीं स्थानीय नागरिक भी डरे हुए हैं कि अगर एक जागरूक नागरिक और पत्रकार के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम जनता कितनी असुरक्षित है।
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